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Sunday, December 22, 2024
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बरेली: अहिच्छत्र बौद्ध स्तूप को भू-अभिलेखों में दर्ज़ करने की उठी मांग, तहसील प्रशासन की बड़ी लापरवाही आयी सामने

बरेली जनपद की आंवला तहसील अहिच्छत्र में स्थित प्राचीन बौद्ध स्तूपों को राजकीय भूअभिलेखों में दर्ज़ करने की मांग पुनः जोर पकड़ती दिख रही है। बरेली के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसको लेकर राष्ट्रपति, जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी एवं तहसील प्रशासन को पत्र लिखा है। आंवला तहसील के ग्राम पंचायत आलमपुर कोट एवं रामनगर में स्थित मौजूदा बौद्ध स्तूप सम्राट अशोक के द्वारा निर्मित हैं। बौद्ध स्तूपों की प्रामणिकता चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने प्रमाणित की है, भारतीय पुरातत्व विभाग के सस्थापक एवं पहले अध्यक्ष अलेक्सेंडर कनिंघम ने भी अहिछत्र के बौद्ध स्तूपों की खुदाई के बार उनपर लिखी अपनी पुस्तक में प्रमाणित किया है की यह स्तूप अशोक महान के द्वारा निर्मित बौद्ध स्तूप हैं। (Ahichchhatra Buddhist Stupa)
जिला अधिकारी, अपर जिला अधिकारी को लिखे अपने शिकायती पत्र में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि बौद्ध स्तूप के सभी साक्ष्य होने के वावजूद तहसील प्रशासन जाने या अनजाने में सही जानकारी खतौनी में दर्ज़ नहीं कर रहा है। पत्र लिखने वाले लोगों का कहना है कि आमजन में भी बौद्ध स्तूप को लेकर जानकारी है। शिकायतकर्ताओं ने तुरंत मामले का संज्ञान लेकर जिलाधिकारी से मामले में दखल देकर बौद्ध स्तूपों को खतौनी में दर्ज़ कराने की मांग की है। बौद्ध स्तूपों को खतौनी में दर्ज़ करने की मांग करने वाले भिक्षु थेरोपानन्द संघाराम बुद्ध विहार ग्राम बहोडा खेड़ा तहसील आंवला के निवासी हैं। उनके साथ मांग पत्र लिखने वालों में एडवोकेट कपिल रतन, एडवोकेट दीनदयाल, राधेश्याम मौर्य, सभासद आंवला, रामपाल मौर्य शामिल हैं। (Ahichchhatra Buddhist Stupa)

ह्वेन त्सांग का यात्रा वृतांत क्या कहता है ?

ह्वेन त्सांग सम्राट हर्षवर्धन के शासन काल में भारत आया वह अहिच्छत्र भी आया उसने लिखा है की उसने यहाँ राजधानी में १० बड़े बुद्ध विहार देखे एवं सम्राट अशोक का बनवाया हुआ एक बड़ा स्तूप नागताल के पास देखा जहाँ तथागत ने नागराज को उपदेश दिया था। इसके समीप चार लघु स्तूप थे तथा चार पूर्व
बुद्धों के आसनों एवं चक्रमण के अवशेष थे।
जनरल कनिंघम क्या कहते हैं ?
जनरल कनिंघम कहते हैं कि अहिच्छत्र की राजधानी 17 या 18 ली/३ मील के घेरे में थी। ह्वेन त्सांग ने यहाँ 10 बुद्ध विहार देखे जिनमें करीब 1000 भिक्खु रहते थे। नगर के बाहरी तरफ सर्पकुंड था वहीं भगवान् बुद्ध ने नागराजा को एक सप्ताह तक धर्म का उपदेश दिया था। इसी स्थान पर सम्राट अशोक ने स्तूप बनवाया हुआ था जहाँ तीन स्तूप और हैं जो खँडहर की स्थिति में हैं। सर्पकुंड के पास वाला स्तूप अच्छी स्थति में है और ईसा से 250 वर्ष पहले का है। (श्रोत- पुरात्व सर्वेक्षण रिपोर्ट 1862-63 पेज संख्या 253 से 263 तक)
पुरातत्व विभाग ने तहसील प्रशासन को लिखा पत्र
भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण विभाग ने तहसील प्रशासन को पत्र लिखकर 10 जनवरी 1942 में संरक्षित भूखंड में भारतीय पुरातत्व विभाग का नाम अंकित करने का अनुरोध किया है। परन्तु तहसील प्रशासन द्वारा वर्ष 1942 के बाद उक्त आदेश की अनदेखी करते हुए तहसील अभिलेखों (खतौनी+खसरा) में कोई कारवाही नहीं की है।

2002 में जिला प्रशासन के द्वारा खतौनी में बौद्ध स्तूप दर्ज़ किया गया, 2003 में हटा दिया गया

24 सितम्बर 2002 को अपर जिलाधिकारी वित्त/राजश्व ने आंवला तहसील एवं अहिच्छत्र भ्रमण कर भूखंडो का मौका मुआइना किया एवं राजश्व ग्राम आलमपुर कोट के दोनों भूखंडों फसली वर्ष 1407-1412 की खतौनी में खाता संख्या 429 में भूखंड संख्या 518 रकवा 0.519 व खता संख्या 524 रकवा 0.291 में बौद्ध स्तूप की प्रविष्टि अंकित की गयी एवं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग आगरा मंडल ने अपने पत्र संख्या 07/93/95/403 दिनांक 29.07.2003 में संरक्षित क्षेत्र में स्तूप माउन्ट का उल्लेख किया है। परन्तु स्थानीय शिकायत के आधार पर न्यायालय अपर जिलाधिकारी प्रशासन बरेली द्वारा प्रकीर्ण वाद संख्या 2/2002-03 नौवतरम बनाम सरकार ग्राम आलमपुर कोट तहसील आंवला जिला बरेली के निर्णय 19/09/2003 के द्वारा सभी तथ्य बौद्ध स्तूप के पक्ष में होने के बाबजूद तथ्यहीन प्रकार से बौद्ध स्तूप की प्रविष्टि खतौनी से हटाने का आदेश किया गया। (Ahichchhatra Buddhist Stupa)
उपरोक्त सभी साक्ष्यों के आधार पर यह तो साफ़ हैं अहिच्छत्र में मौजूद बौद्ध स्तूप प्रामाणिक तौर पर सम्राट अशोक द्वारा बनाये हुए हैं। पुरातत्व विभाग भी लगातार जिला प्रशासन से बौद्ध स्तूपों को खतौनी में दर्ज़ करने का अनुरोध करता रहा है। अब जब एक बार फिर यह मामला जिला प्रशासन तक पहुंचा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन क्या निर्णय लेता हैं।

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Santosh Shakya
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संतोष शाक्य Indus News TV के सह-संपादक (Associate Editor) एवं चैनल के उत्तर प्रदेश & उत्तराखंड राज्य प्रमुख (UP/Uttarakhand State Head) हैं। संतोष शाक्य उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखण्ड यूनिवर्सिटी बरेली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं। विज्ञान के साथ इतिहास, सामाजिक विज्ञान, राजनीति, धम्म, दर्शन एवं अध्यात्म आदि संतोष शाक्य के पसंदीदा विषय हैं। इसके साथ संतोष शाक्य एक एंटरप्रेन्योर, मोटिवेशनल स्पीकर, लेखक, विचारक, पत्रकार, Life कोच, आध्यात्मिक शिक्षक भी हैं। जो मोटिवेशन, बिजनेस प्रमोशन, वेलनेस टॉक & Meditation के जरिए लोगों की मदद करते हैं। इसके साथ संतोष शाक्य एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी के संचालक भी हैं। संतोष शाक्य के द्वारा कवर की गयी प्रमुख स्टोरी एवं उनके लेख पढ़ने के लिए आप Indus News TV की वेबसाइट https://www.indusnewstv.com को लॉग-ऑन कर सकते हैं। संतोष शाक्य के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप उनकी वेबसाइट https://www.santoshshakya.com भी विजिट कर सकते हैं।
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