बरेली। राष्ट्रीय सेवा योजना छात्र इकाई-प्रथम, बरेली कॉलेज, बरेली तथा उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी उ.प्र सरकार के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 20 दिसंबर से चल रहे सात दिवसीय उर्दू के बुनियादी प्रशिक्षण का वनस्पति शास्त्र विभाग के सभागार में समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में आयोजन सचिव व वनस्पति शास्त्र विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. राजीव यादव ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा गत सात दिनों में प्रतिभागियों द्वारा सीखे गए बुनियादी उर्दू प्रशिक्षण पर उनके सुझाव मांगे। (Urdu Training Program Bareilly)
प्रतिभागी आविदा ने कहा की इस प्रकार के प्रशिक्षण सात दिनों के स्थान पर कम से कम एक माह के होने चाहिए, उन्होंने उर्दू के लिए शायरी में कहा कि “मेरा दिल है कि बस जलता जा रहा है, खून से जख्म, जख्म से नासूर बनता जा रहा है, कभी बचाने की कोशिश उस तरफ होती ही नहीं, यही अफसोस मुझको अंदर-अंदर खलता जा रहा है, रिश्ता एक मेरा ही नहीं तुझसे उर्दू, क्यों तू सबके दिलों में मरता जा रहा है”
प्रतिभागी अकिंत यादव ने कहा है कि मैं पेशे से वकील हूं, मैंने कभी बचपन से उर्दू नहीं पढ़ी, मैं अपना नाम तक उर्दू में लिखना नहीं जानता था, आज मैं प्रशिक्षण के बाद अपने पूरे परिवार का नाम उर्दू में लिख सकता हूं, जब मुझको पता लगा कि बरेली कॉलेज में उर्दू का प्रशिक्षण होने जा रहा है तब मैं अपनी वकालत छोड़कर सबसे पहले उर्दू सीखने आया,
प्रतिभागी के रूप में वरिष्ठ नागरिक सरदार श्री सुरजीत सिंह ने कहा कि बरेली कॉलेज में मेरे पढ़ने की अभिलाषा उर्दू प्रशिक्षण के माध्यम से आज पूरी हुई है, मैं छात्र जीवन में बरेली कॉलेज में पढ़ना चाहता था परतुं मौका आज मुझे उर्दू प्रशिक्षण ने प्रदान किया है। (Urdu Training Program Bareilly)
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बरेली कॉलेज, बरेली स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की शाखा प्रबंधक श्रीमती स्वाति शर्मा ने प्रतिभागियों तथा स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आप लोगों के दिलों से जुड़ना चाहते हैं तब आपको सबसे पहले उनकी भाषा को सीखना होगा, अंग्रेजी भाषा में अटके रहने से हम उर्दू तथा हिंदी से दूर होते चले जाते हैं इसलिए हमको अंग्रेजी के साथ-साथ तहजीब की भाषा उर्दू व हिंदी पर भी ध्यान देना चाहिए। (Urdu Training Program Bareilly)
बरेली कॉलेज,बरेली के चीफ प्राक्टर प्रो. आलोक खरे ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में पूरे विश्व में देश की सीमाओं के साथ-साथ भाषाओं की जो सीमा है वह धीरे-धीरे समाप्त हो रही है, आज उर्दू भाषा भी वर्ग विशेष व अन्य सीमाओं से बाहर निकल रही है व सामान्य लोग खासकर युवा वर्ग तेजी से इस भाषा की ओर ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से आकर्षित हो रहे हैं इसलिए उर्दू को भाषा के साथ-साथ भविष्य के एक अवसर के रूप में भी देखना चाहिए।
कार्यक्रम में उर्दू अकादमी की ओर से भेजे गए प्रशिक्षक श्री जुल्फिकार अहमद तथा सफाउद्दीन को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान द्वारा किया गया। समापन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रमोद अग्रवाल, आशुतोष गौड़, मो. सलीम, अंकित यादव, अनमोल शंकधार, मो. वसीम, गीतांश शुक्ला, सचिन राजपूत, विमल यादव, कैलाश, अभिषेक राठौर, सोम राठोर, अनिकेत सिंह, अमृतेश कुमार,आलोक शर्मा, अरबाब राजा खान, सौरभ प्रताप सिंह, मुनीष कुमार, वीर प्रताप, आदित्य प्रताप सिंह, विनोद कुमार, मुनेंद्र, शुभम, पवन गिरी, सलभ गुप्ता, पुनीत शर्मा, विवेक कुमार इत्यादि मौजूद रहे। (Urdu Training Program Bareilly)
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